नागदा
नाबालिग युवती का अपहरण कर लैंगिक उत्पीड़न करने के आरोप में पूर्व पार्षद फिरोज़ आजम को 10 वर्ष का सश्रम कारावास।
न्यायालय विशेष सत्र न्यायाधीश, नागदा, श्रीमती वंदना राज पाण्डेय द्वारा एक महत्वपूर्ण फैसले में आरोपी फिरोज आजम पिता अजीज आजम, निवासी प्रकाश नगर नागदा को विभिन्न धाराओं में आरोप तय करते हुए 10 वर्ष की सज़ा सुनाई है।
वर्ष 2016 में नाबालिग पीड़िता का अपहरण कर उसका लैंगिक उत्पीड़न करने पर धारा 363 भादवि में 07 वर्ष का सश्रम कारावास व 366 भादवि में 10 वर्ष का सश्रम कारावास व धारा 11/12 (iv) व 11 / 12 (vi) पाक्सो एक्ट के अंतर्गत 03-03 वर्ष का सश्रम कारावास व प्रत्येक धारा में 1000/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है।
मामला एक नज़र में
अपर लोक अभियोजक नागदा विनोद व्यास ने बताया कि दिनांक 27/05/2016 को 09:30 बजे नाबालिग पीड़िता ने पूर्व पार्षद आज़म के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। जिस पर पुलिस नागदा द्वारा आरोपी फिरोज आजम पर धारा 363, 366 भादवि के अंतर्गत प्रकरण अपराध क्रमांक 322/2016 पर दर्ज किया गया था। बाद में माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी के विरूद्ध धारा 11/12 (4) व 11/12 (6) पाक्सो एक्ट की धारा बढ़ायी गई थी। माननीय न्यायालय द्वारा विचारण में अभियुक्त फिरोज आजम को उक्त सभी धाराओं में दोष सिद्ध पाते हुए 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं प्रत्येक में 1000/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है।
सज़ा को इस तरह से समझें
पूर्व पार्षद आज़म को लैंगिग उत्पीसड़न के लिए 7 वर्ष की सज़ा, अपहरण करने के जुर्म में 10 वर्ष और पॉस्को एक्ट में 3 - 3 वर्ष की सज़ा सुनाई गयी है। लेकिन अधिकतम सज़ा 10 वर्ष है इस वजह से आजम को 10 साल तक जेल में रहना होगा।