नागदा
नियमों की अनदेखी कर कृषि भूमि पर प्लाॅट काट कर बेचना अब फर्ज़ी काॅलोनीनाइज़रों को भारी पड़ने वाला है क्योंकि ज़रूरतमंदों को मूर्ख बना कर प्लाॅट बेचने वालों के गिरेबां तक प्रशासन का हाथ पहुॅच चुका है फिलहाल इंतज़ार इस बात का है कि कितने दिनों में इन फर्ज़ी काॅलोनीनाईज़रों को प्रशासन सज़ा दिलवाता है। जाॅच दल के सदस्यों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक एक दर्जन से अधिक काॅलोनी की जाॅच की जा चुकी है जाॅच के दौरान ज़मीन के सर्वे नं. पर जिस व्यक्ति का नाम अंकित था उसे पुछताछ के लिये बुलाया गया जिसमंे कुछ ज़मीन तो अब तक उन्हीं कृषक के नाम हैं जो कई महीनों पहले ही ज़मीन अन्य को बेच चुके हैं वहीं कुछ व्यापारी ने जाॅच करने वाले अधिकारी को बताया की उन्हें काॅलोनी काटने संबंधी नियमों की जानकारी नहीं थी। जाॅच दल के अधिकारी ने शिप्रा संदेश को जानकारी देते हुए बताया की प्रशासन कई बिंदुओं पर जाॅच कर रहा है इसमें मुख्य रूप से काॅलोनीनाईज़र के पास लायसेंस होना, भूमि का डायवर्शन, टीएनसी से स्वीकृति होना जैसे अहम् बिंदुओं पर जाॅच कि जा रही है। अब तक दो क्षेत्रों जय भवानी पेट्रोल पंप के पीछे कटी काॅलोनी और बेरछा रोड़ पर काटी गयी काॅलोनी की जाॅच हो चुकी है।
अवैध काॅलोनी में प्लाॅट खरीदने वाले लोग सीधे तहसीलदार को शिकायत कर सकते हैं
शिप्रा संदेश ने प्लाॅट खरीदने वालों के हक में एसडीएम आशुतोष गोस्वामी से सवाल किया कि क्या वे लोग जिन्होंने इन अवैध काॅलोनी में प्लाॅट खरीद लिया है वे काॅलोनी काटने वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा सकते हैं? तो इस सवाल का जवाब देते हुए एस.डी.एम. ने कहा की हाॅ वे लोग तहसीलदार को काॅलोनीनाईज़र के खिलाफ सीधे शिकायत कर सकते हैं।
जाॅच दल के एक अन्य अधिकारी ने बताया की जाॅच समाप्त होने पर जो भी काॅलोनीाईज़र दोषि पाए जाऐंगे उन पर काॅलोनी एक्ट के तहत् प्रकरण दर्ज करने के साथ साथ डायवर्शन शुल्क भी वसुला जाएगा।